आकाश कुमार चंदवा: आज दिनांक ११ दिसंबर को चंदवा के सरकारी बस स्टैंड से प्रखंड सह अंचल कार्यालय तक एक सांकेतिक मार्च निकाल कर एनएच के कुढू-उदयपुरा के बीच भारत माला सड़क परियोजना अन्तर्गत बन रही सड़क के प्रभावित भुरैयतों ने आज विशाल विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में सामाजिक, राजनीतिक और भूमि दाताओं के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।कार्यक्रम का आयोजन NHAI प्रभावित समिति के बैनर तले किया गया जिसका नेतृत्व समिति के सचिव सतेंद्र यादव ने किया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कहा कि NHAI के कार्यों का विरोध नहीं है लिकिन उसकी नीतियाँ रैयतों के हित में नहीं हैं।
भू-दाताओं को बाज़ार के मूल्य से मुआवज़ा मिले, मुआवज़े की अनियमितताओं को दूर किया जाये, और आपसी सामंजस्य के साथ संबंधित कंपनी कार्य करे नहीं तो यहाँ बड़ा आंदोलन होगा। सामाजिक कार्यकर्ता और नेता रवि डे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एनएचएआई ने काम तो शुरू किया लेकिन भुरैयतों को विश्वास में नहीं लिया। लोगों को उनकी ज़मीनों का उचित मुआवज़ा मिलना ही चाहिए। लोगों का आक्रोश शांत करने का प्रयास कर मुद्दों पर बातचीत कर हाल निकालना होगा नहीं तो सड़क का निर्माण संभव नहीं।

आम आदमी पार्टी के झारखंड प्रवक्ता इंडिया ब्लॉक के प्रदेश के नेता सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे पहले भी इसी प्रकार की अनियमितताओं के कारण पंजाब उच्च न्यायालय ने एनएचएआई पर पैंतालीस करोड़ का जुर्माना लगाया है। सौरभ ने कहा कि यहाँ परिस्थितियाँ नहीं बदलीं तो याचना नहीं रण होगा। सभा को वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामजश पाठक, ज़िला परिषद उपाध्यक्ष सरोज देवी सहित और कई वक्ताओं ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के बाद समिति की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल ने अंचलाधिकारी श्री जयशंकर पाठक को प्रभावित रैयतों की ओर से ज्ञापन सौपा।अंचलाधिकारी श्री पाठक ने आश्वासन दिया कि वो प्रयास करेंगे कि हर संभव भू रैयतों की माँगें मानी जायें और इसके लिए संबंधित एजेंसी और अपने वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात करेंगे।

एनएचएआई के ख़िलाफ़ आज का यह बृहद विरोध प्रदर्शन आज दिन भर चंदवा में चर्चा का विषय बना रहा।आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएचएआई प्रभावित समिति संघर्ष समिति के सचिव सतेंद्र यादव, रवि डे, आप झारखंड के प्रवक्ता सौरभ श्रीवास्तव, ज़िप अध्यक्ष सरोज देवी, वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता रामयश पाठक, जयप्रकाश अग्रवाल, शिवशंकर यादव, पप्पू गिनोदिया,…. एवं बड़ी संख्या में प्रभावित रैयत और स्थानीय लोग मौजूद थे।
