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उपायुक्त से मिलकर ग्रामीणों ने कहा हिंडालको कंपनी हमारा हक अधिकार छिनना चाहती है

13 सूत्री मांगों को लेकर उपायुक्त से मिले: ग्रामीण

बब्लू खान

लातेहार।लातेहार जिला के चंदवा प्रखण्ड के ग्रामीणों ने ग्राम चकला, अरन्डियाटांड़, पढुवा एवं हरैया टोला के जनता की जमीन कोल माईन्स हिन्डालको को सरकार के द्वारा मिला है।चकला में सर्व प्रथम नक्सा के आधार पर चकला कोल ब्लॉक हिन्डालको को मिला, परन्तु हिन्डालको कम्पनी प्रथम सर्वे में चकला बस्ती सहित पिलरिंग सी०एम०पी०डी०आई० के द्वारा करवाया गया। सरकार से उसी नक्सा पर कोल माईन्स हिन्डालको का चकला कोल माईन्स के नाम से मिला है। परन्तु कुछ ही हिस्सा चकला बस्ती को लेकर कुछ बस्ती को छोड़ दे रही है। तथा पुरे गाँव बस्ती सहित रजिस्ट्री भी बन्द करवा दिया है।

वीडियो ग्रामीणों की

यदि कोई व्यक्ति को बिमारी या शादी विवाह की जरूरी में जमीन बेचना पड़े तो बिक्री नहीं हो सकता है। अभी कम्पनी नया नक्सा बनाया है, जो चकला का कुछ हिस्सा ही लिया है जो कि नहीं के बराबर है, जबकी चकला ही ऐसा गाँव है, जो पुरे बस्ती के लोग विस्थापित की मांग कर रहे है। क्योंकि दुसरे जितना भी कोलवरी खुला हुआ है प्रदुषण एवं डस्ट एवं पेयजल कई समस्या उत्पन्न हो जाती है।इससे पूर्व में वर्ष 2008 में एस्सार कम्पनी के द्वारा कोल ब्लॉक हुआ था। उस समय का भी नक्सा में पुरे चकला बस्ती सहित था। अभी हिन्डालको के द्वारा भी तीन बार नक्शा को बनाकर परिवर्तन हर समय अलग-अलग किया गया है। हम सभी ग्रामीणों की बीच विपीन भाटिया एवं जी०एम० राजीव कुमार के बीच बात हुई थी कि जितना भी पिलरींग के अन्दर जितना भी मकान एवं जमीन है, सभी लोग का जमीन एवं मकान लेगें, जो आज वादा से मुकर रहे हैं।आज बोल रहे है कि सरकार से चकला गांव को बाहर कर दिया गया है, जबकी खुद से नक्सा बनाकर अपना मन के मुताबिक परिवर्तन किया है। हमलोग चकला के सभी समुदाय के लोग घर से लेकर खेत तक देने के लिए तैयार हैं तो केवल खेत जैसा हमारा जीवन-यापन चलता है। अगर ग्रामीणों को विस्थापित नहीं करेगा तो अपना जमीन देने से क्या फायदा होगा। खेत से लेकर गाँव तक सभी देंगे क्योंकि हमलोग विकास का बाधक नहीं हैं। लेकिन गाँव छोड़कर कम्पनी लेती है, तो हमलोग को प्रदुषण खाने के अलावा कुछ नहीं मिलेंगा।चकला कोल माईन्स प्रोजेक्ट (हिन्डालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड) में भूमी अधिग्रहण हेतु ग्रामीणों द्वारा प्रस्तावित मॉग निम्न प्रकार है। चकला कोल माईन्स के डुमारकेशन एरिया के अन्दर जो भी जमीन तथा नथा पुराना मकान सभी को विस्थापित किया जाय एवं उचित मुआवजा दिया जाय,रैयतों के जमीन का मूल्य प्रति एकड़ 40 लाख रूपया होना चाहिए, आवासीय जमीन का मूल्य लगभग 60,000/- प्रति डीसमिल रैयत को दिया जाय,झारखण्ड सरकार के नियोजन नीति के अनुसार 75% स्थानीय लोगों को रोजगार तथा नौकरी करने वालों को 40 हजार प्रतिमाह वेतन दिया जाय, जो भी लेबर वर्क का काम हो, उसे भी स्थानीय मजदूरों के द्वारा कराया जाय. जिसका न्यूनतम मजदूरी 468/- रूपया प्रतिदिन होना चाहिए।6. चकला कोल माईन्स में जो भी कम्पनी का काम होगा, उसे हमारे जो कमिटि होगी उसके इच्छा अनुसार किया जाय, गैर मजरूआ जमीन जिसका रैयती जमीन के बगल में है तथा जिसका कब्जा है, उसका प्रति एकड़ 20 लाख रूपया होना चाहिए,कम्पनी जो रैयतों के साथ भेद-भाव कर रहा है, ये करना छोड़ दे सभी रैयतों को एक समान देखें,सड़क अस्पताल तथा स्कूल और पानी बिजली की व्यवस्था होना चाहिए,कोल ब्लॉक चकला माईन्स से संबंधित ग्राम सभा कराया जाय, कम्पनी अपनी पॉलीसी बताएँ., जब तक कम्पनी समझौता नहीं करती है तब तक कम्पनी के कोई भी सदस्य चकला माईन्स एरिया में इन्ट्री नहीं करेंगे,उचित मॉग जो हमारी मूलभूत सुविधाएँ उनको अविलम्ब पूरा करें।जब तक हम सभी ग्राम वासियों के साथ ग्राम सभा एवं समझौता नहीं करती है, तब तक हम सभी महिलाओं का धारणा जारी रहेगी।कम्पनी द्वारा अधिग्रहण की गयी भूमि का सीमांकन का जमीन ट्रेंच द्वारा काट दिया जाता है जिससे हम सभी ग्रामीणों को माल-मवेशी एवं जलावन के लिए लकड़ी लाने इत्यादि जैसी समस्या हो जा रही है। इस कार्य पर भी रोक लगाया जाय।हम सभी चकला पंचायत वासियों के तरफ से उपायुक्त महोदय से निवेदन है कि आपके द्वारा हम सभी रैयतों के बीच एक उचित फैसला लिया जाए। साथी उपायुक्त को ग्रामीणों ने कहा कि हम विकास विरोधी नहीं है परंतु हिंडालको कंपनी हम ग्रामीणों का हक मारना चाहती है जो नहीं होने देंगे चंदवा प्रखंड में हिंडाल्को कंपनी कई वर्षों से कार्य कर रही है परंतु जनता का केवल लूटने का काम किया है किसी भी प्रकार का कोई सुविधा आज तक हिंडालको कंपनी नहीं दी है और ऐसा हम ग्रामीणों को पता है कि हिंडालको कंपनी 60 वर्षों से चंदवा और रिचुघुटा में बॉक्साइट पत्थर का काम कर रही है परंतु एक भी विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया है। कंपनी केवल अपना कम निकालती है और जनता को शुरू से ठगने का काम कर रही है जिसका जीता जागता उदाहरण हिंडालको कंपनी के लातेहार जिले में ही देखने को मिल रहा है। इस अवसर पर चकला के सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद थे।

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