हम सभी हवन की आहुति देने के साथ-साथ अपने दुर्गुणों की भी आहुति दें:आचार्य राहुल देव आर्य ।
कार्यक्रम उम्मीद से ज्यादा अच्छा हुआ, लोगों का झुकाव वैदिक संस्कृति की दिख रहा है:आचार्य शरचचन्द्र आर्य।
अनामिका भारती।लोहरदगा:आर्य समाज के 150 में स्थापना दिवस एवं नववर्ष प्रतिपदा के अवसर पर गुरुकुल शांति आश्रम लोहरदगा के नेतृत्व में प्रातः 351 मातृ शक्ति एवं बालिकाएं कलश लेकर के सामूहिक उपस्थिति में शामिल हुई।

कलश यात्रा में आर्य समाज के साथ-साथ लोहरदगा जिले के गणमान्य जनों की उपस्थिति में पूरे धूमधाम के साथ के साथ कलश यात्रा में पंक्तिबद्ध होकर गुरुकुल शांति आश्रम के लिए प्रस्थान किए।

ध्वनि विस्तारक यंत्र, माइक एवं महिलाओं के द्वारा सामूहिक रूप से आर्य समाज की जय हो, ओम का झंडा ऊंचा रहे, सनातन धर्म की जय हो, वैदिक धर्म की जय हो आदि विभिन्न तारों के साथ कलश यात्रा अपने गंतव्य स्थान गुरुकुल शांति आश्रम के प्रांगण में पहुंचकर हवन कुंड में स्थापित किया गया।

बताते चलें कि इस वर्ष नव वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर वृहद पैमाने पर गुरुकुल शांति आश्रम प्रांगण में 51 हवन कुंड स्थापित किए गए थे। जहां प्रत्येक हवन कुंड में चार-चार परिवार समेत सभी सनातन धर्मावलंबी शामिल होकर बृहद एवं सामूहिक रूप से लगभग तीन हजार श्रद्धालुगण शामिल होकर नव वर्ष के प्रथम दिन पूरे भाव विभोर होकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन में आहुति दिए।

आचार्य राहुल देव आर्य के ब्रह्मत्व में बृहद 51 कुण्डीय हवन प्रारंभ किया गया। उन्होंने सभी को पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन को संपन्न कराया। आचार्य राहुल देव आर्य मौके पर उपस्थित सभी सनातन धर्मावलंबियों से कहा कि आज का दिन विशेष दिन है।

आज हम सभी हवन की आहुति देने के साथ-साथ अपने दुर्गुणों को भी आहुति दें और संकल्प ले कि अपने जीवन में नशापन न करें एवं दुर्गुणों को दूर करें। इस वैदिक वातावरण में संपन्न हुई हवन में खुद को परिसुद्ध करें एवं मानसिक स्थिति तथा तनाव को दूर करते हुए पर्यावरणीय शुद्धता को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ने की संकल्प लें।

जरूरतमंदों की मदद करने का भी संकल्प लें एवं बच्चों को सदाचार, चरित्रवान एवं सभी घरों में भी हवन करने की विधान को पालन करने की विधियों को उन्होंने बताया। उन्होंने आचार्य शरचचन्द्र आर्य जी की संकल्प शक्ति को नमन करते हुए बताया कि उनकी सोच, उनके मार्गदर्शन को हम तहे दिल से आभार प्रकट करते हैं। जिनके नेतृत्व में यह भव्य आयोजन हो सका है।

उन्होंने यह भी कहा कि आप तमाम उपस्थित सनातन धर्मावलंबी जो कलश यात्रा आयोजन एवं वैदिक सामूहिक रूप से हवन में शामिल होकर अनुष्ठान को भव्यता प्रदान किए हैं। यज्ञ के ब्रह्मत्व के रूप में आचार्य गणेश शास्त्री, आचार्य मनजीत शास्त्री, प्रकाश आर्य, बिंदेश्वर कुमार, धर्मदेव शास्त्री, आचार्य सुरेंद्र आर्य, करण सिंह, महेश कुमार, मुकेश कुमार, आशीष आर्य, महादेव आर्य, अर्जुन देव आर्य, किशन आर्य ने हवन में सहयोग किया।कार्यक्रम में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प माला से सम्मानित भी किया गया।
जिनमें लाल नवल किशोर नाथ शाहदेव, मनोज गुप्ता, गुप्तेश्वर प्रसाद गुप्ता, बैजनाथ प्रसाद गुड़ुस, दीपक सर्राफ, ओमप्रकाश सिंह, अजय पंकज, अमित कुमार, रविंद्र दत्ता, संदीप गुप्ता, अभय भारती, भूषण प्रसाद, उदय गुप्ता, सतीश जायसवाल, कृष्ण चंद्र आर्य, योगेंद्र कुमार, नितेश उरांव, सूरज कुमार, दिलीप राज, सुजाता राज, दिगम्बर साहू, विनोद साहू, शिवराज विजय, मिथिलेश प्रजापति, शंकर कुमार आदि शामिल हैं।

कार्यक्रम में मनोज दास, उत्तम कुमार, गौतम लेनिन, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, पशुपति पारस, सागर वर्मा, गोपाल साहू, दिलीप कुमार, हेमंत सिन्हा, अनिल पाण्डेय, अनुराधा देवी, बबीता देवी, सुरेश ठाकुर, शंकर लाल, विनोद सिंह, नीलकमल तिवारी, बहन सुबोधनी देवी, पार्वती देवी, बीगल मुंडा, दुखी कुजूर, राम स्वरूप शर्मा, रंग बहादुर सिंह, रमेश साहू समेत चांपी, कुजरा, बराटपुर, सलगी, पेशरार, भंडरा, कुड़ु, सेन्हा, गुमला, लातेहार, रांची, पलामू, सिमडेगा समेत आसपास के लोग शामिल हुए।
