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समावेशी शिक्षा अंतर्गत लोहरदगा जिले के सभी प्रशासक, सभी प्रखंडों के प्राथमिक, मध्य, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रभारी शिक्षकों, विद्यालय प्रबंध समिति और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित ।

अनामिका भारती।लोहरदगा:झारखंड शिक्षा परियोजना के तत्वाधान अंतर्गत जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, झारखंड शिक्षा परियोजना, लोहरदगा के निदेश के आलोक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए समावेशी शिक्षा अंतर्गत जिले के सभी प्रशासक, प्राथमिक,मध्य, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन न्यू नगर भवन, प्रखण्ड परिसर,लोहरदगा में दिनाँक 23.12.2024 को किया गया।

इसके अंतर्गत दिव्यांग बच्चों के माता-पिता एवं समुदाय को संवेदीकृत कर समावेशी शिक्षा को सफल बनाने के लिए समाज के विभिन्न आयामों को समावेशी शिक्षा के प्रति जागरूक करने का सार्थक प्रयास किया गया।अपर समाहर्ता जीतेन्द्र मुंडा ने कहा कि शिक्षा विभाग का यह कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग को साथ साथ इस कार्यक्रम में अपनी जिम्मेदारी निभानी है। जिसके अंतर्गत उन दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को उत्कृष्ट बनाना और विशेष शिक्षकों की भूमिका तय करते हुए इनका उपयोग साधन सेवी के रूप में करते हुए उन बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े रखना है।

उक्त कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक,लोहरदगा सुनंदा दास ने जिले के सभी विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समावेशी बच्चों के संवेदनशीलता की शपथ दिलवाई। साथ ही उक्त कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य विद्यालय के पोषक क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग बच्चों को उनकी क्षमता अनुरूप उनकी दिव्यंगता के आधार पर पहचान करते हुए आवश्यक रणनीति निर्माण कर शिक्षा की मुख्य धारा में बनाए रखने का हर संभव हर स्तर से प्रयास किया जाना है की जानकारी दी।उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समावेशी शिक्षा के प्रभाग प्रभारी एमलीन सुरीन के द्वारा सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। जिसके अंतर्गत एक परिचय आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 में परिभाषित दिव्यंगताओं पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए इनके सब कैटेगरी के आधार पर अति अल्प, अल्प श्रेणी के दिव्यांग बच्चों को विद्यालय में नामांकित करा कर लगातार अनुश्रवण के माध्यम से शिक्षा में बनाए रखना है।

गंभीर एवं अति गंभीर श्रेणी के बच्चों के लिए गृह आधारित प्रशिक्षण के साथ साथ अन्य सहायक सामग्रियों को प्रदान करते हुए उनको विद्यालय से जोड़ा जाना है। प्रशिक्षण उन्मुखीकरण के क्रम में जिला स्तरीय समावेशी कार्यशाला में विनय बंधु कच्छप के द्वारा दिव्यांगता श्रेणी एवं दिव्यांगता श्रेणी की पहचान रणनीति निर्माण एवं विद्यालय में बनाए रखने हेतु विशेष चर्चा की गई।शिक्षकों को बालपंजी अद्यतनीकरण के दौरान ऐसे बच्चों के सूक्ष्म अवलोकन करते हुए विद्यालयों में बनाए रखने हेतु उपाय एवं गृह आधारित गृह आधारित प्रशिक्षण प्रशिक्षण में कैसे जुड़ा जाना है

इस पर विशेष चर्चा की गई।कार्यक्रम में समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षकों सतीश कुमार, धीरज पटेल, सिलवंती मिंज आदि द्वारा भी दिव्यांगता से संबंधित विभिन्न जानकारी दी गई।उपस्थित प्रतिभागियों के द्वारा उन्मुखीकरण कार्यक्रम कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में की गई एवं बच्चों को जोड़ने हेतु विश्वास दिलाया गया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में जिले के अभी विद्यालयों और दिव्यांग बच्चों के अभिभावक उपस्थित हुए।साथ स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर के सिविल सर्जन के प्रतिनिधि द्वारा बतलाया गया कि प्रत्येक बुधवार को दिव्यांग से संबंधित जांच सदर अस्पताल लोहरदगा में आयोजित होता है। जिसमें उन बच्चों की जांच कराई जा सकती है।

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