आकाश कुमार भारतीय पकवानों में आज से नहीं सालों से बीजों का इस्तेमाल होता आया है. कई बीमारियों का इलाज हमारे किचन में ही मौजूद होता है. जो ना सिर्फ खाने के स्वाद को दोगुना करते हैं बल्कि हमारे शरीर में होने वाली परेशानियों को भी दूर करते हैं. तो बात करते हैं ऐसे बीज के बारे में जो हर किसी के किचन में आसानी से पाया जाता है. हम बात कर रहे हैं छोटे छोटे दिखने वाले काले तिल की. तिल में कई आयुर्वेद के गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. इनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.सर्दियों के दिनों में कुछ चीजों का सेवन करना किसी दिव्य औषधि या जड़ी बूटी से कम नहीं है. तिल उसी श्रेणी में आता है. तिल पोषक तत्वों से भरपूर है. ठंड के दिनों में तिल का सेवन करने से व्यक्ति को शारीरिक रूप से बहुत सारे लाभ मिलते हैं. तिल का सेवन कब और कैसे करना चाहिए एवं कितनी मात्रा में करें कि लाभ प्राप्त हो, इसे लेकर बताया कि तिल का सेवन करने से एक नहीं अनेक प्रकार के फायदे शरीर को होते हैं. इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने और अन्य भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। साथ ही इससे तेल भी निकाला जाता है, जो बेहद फायदेमंद होता है। खासकर, मकर संक्राति में तिल का उपयोग करना सबसे शुभ माना गया है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना गया है। तिल के बीज का पौधा लगभग एक मीटर ऊंचा होता है। वहीं, इसकी पत्तियां चार से आठ इंच तक लंबी और तीन से चार इंच चौड़ी होती हैं। इसके फूल गिलास के आकार के होते हैं, जो चार भागों में बंटे होते हैं। तिल का सेवन कच्चे या सूखे रूप में या फिर भुने हुए स्नैक्स के रूप में किया जा सकता है।

प्रोटीन के खजाने से भरपूर होता है. तिल
यह जायका बढ़ाने के साथ साथ प्रोटीन के खजाने से भरपूर होता है. जो नए सेल्स को बनाने के लिए बहुत ही जरूरी होता है. तिल में मैग्नीशियम, कैल्शियम, पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-6, आयरन फाइबर और कई सारे न्यूट्रिंशंस भी अच्छी खासी मात्रा में मौजूद होते हैं. तिल में पाए जाने वाले तत्व हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने का काम करते हैं.आयरन के खजाने से भरपूर काला तिल हीमोग्लोबिन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और इसके साथ ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या को भी कम करता है. काले तिल में मौजूद मैग्नीशियम शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है. बीपी के मरीजों को अपने डाइट में तिल के बीजों और इसके तेल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. तिल के इस्तेमाल से आपको कई अनगिनत फायदे होंगे और इसके साथ ही आप हेल्दी भी रहेंगे. तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है. तिल में सेसमीन नाम का एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. इतना ही नहीं, दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए तिल कापी फायदेमंद है. यह लंग ब्रेस्ट कैंसर, कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम करता है.
डिप्रेशन में कमी
तिल में कुछ ऐसे विटामिन-तत्व पाए जाते हैं जो डिप्रेशन को कम करने में मददगार साबित होते हैं. तिल का रोजाना थोड़ी मात्रा में सेवन करने से आपको मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है.

बालों को सफेद होने से रोकता है तिल
बालों को सफेद होने से रोकेतिल का प्रयोग बालों की हेल्थ के फायदेमंद माना जाता है. तिल के तेल का इस्तेमाल या फिर प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिल को खाने से बालों का वक्त से पहले पकना और झड़ना बंद हो जाता है.

हड्डियों की मजबूती
तिल में डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ावा देता है. इसके अलावा यह मांस-पेशियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसके तेल से दर्द में राहत मिलती है.खांसी से राहत सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री और पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है. इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गुनगुना करके में कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है.

सफेद तिल के फायदे
सफेद तिल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं कैलोरी पायी जाती हैं जो ऊर्जा प्रदान करती हैं और भूख को कम करने में मदद करती हैं. इसके अलावा, सफेद तिल में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं. ये खनिज हड्डियों और दांतों के विकास एवं मजबूती के लिए जरूरी होते हैं. साथ ही सफेद तिल में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन ई भी पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और स्किन व बालों के लिए फायदेमंद होते हैं. इस प्रकार, सफेद तिल विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है.

काले तिल के फायदे
सर्दियों में काले तिल का सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करता है. ठंड का मौसम शरीर के लिए कठिन होता है. काले तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को गर्म रखते हैं और ऊर्जा भी प्रदान करते हैं.

यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है. साथ ही, काले तिल में आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. सर्दियों में आयरन की कमी से एनीमिया जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. काले तिल का सेवन एनीमिया से बचाव करता है. यह इम्यूनिटी बढ़ाता है जो सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लड़ने में सहायक होता है.यही नहीं काले तिल में विटामिन E पाया जाता है जो स्किन और बालों के लिए लाभदायक होता है. इसलिए सर्दियों में काले तिल का उचित मात्रा में सेवन करना