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पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के साथ सुहागिनों ने किया करवा चौथ का व्रत

एक तरह से महिलाओं की परीक्षा होती है कि वो अपने पति के लिए कितना त्याग कर सकती हैं

ब्यूरो चीफ अनामिका भारती:लोहरदगा:रविवार को सुहागिनों ने किया करवा चौथ का व्रत।कहते हैं कि नारी को यह वरदान है कि वो जिस भी कार्य या मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा। खासकर अपने पति के लिए यदि वे कुछ भी व्रत करती है तो वह सफल होगा।यह त्योहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है। यह व्रत दोनों के बीच के बंधन को और मजबूत बनाता है।करवा चौथ का पर्व मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु, सुरक्षा, और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व है, जो इसे एक विशेष और महत्वपूर्ण त्योहार बनाता है। करवा चौथ के व्रत से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं और कहानियां हैं,जो करवा चौथ व्रत का महत्व और इसे मनाने का कारण बताती हैं।पौराणिक कथाओं में एक ओर जहां माता पार्वती शिवजी को पाने के लिए तप और व्रत करती है और उसमें सफल हो जाती है तो दूसरी ओर सावित्री अपने मृत पति को अपने तप के बल पर यमराज से भी छुड़ाकर ले आती है। यानी स्त्री में इतनी शक्ति होती है कि वो यदि चाहे, तो कुछ भी हासिल कर सकती है। इसीलिए महिलाएं करवा चौथ के व्रत के रूप में अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक तरह से तप करती हैं।तप का अर्थ होता है किसी चीज को त्यागना और किसी एक दिशा में आगे बढ़ना। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत करती हैं। चौथ का चांद हमेशा देर से निकलता है। कई बार तो देर रात तक चांद नहीं दिखता। ये मौसम ऐसा होता है कि कई बार बादल घिर जाते हैं और चांद नजर ही नहीं आता। ऐसे में महिलाएं देर रात या अगले दिन तक अपना व्रत नहीं तोड़ती हैं। ये एक तरह से महिलाओं की परीक्षा होती है कि वो अपने पति के लिए कितना त्याग कर सकती हैं।करवाचौथ का सबसे जरूरी और विशेष नियम है कि विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद रात्रि में चंद्रदेव की पूजा और उन्हें अर्ध्य देना। साथ ही करवाचौथ की कथा सुनने के साथ ही भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। इससे विवाहितों वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और वो जीवन में तरक्की करते हैं।पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर दिन रविवार को सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत किया।

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