विशेष सत्र बुलाकर झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याओं का करें निदान: अमर किन्डो।
गुटबाजी के कारण ही आंदोलनकारियों को न सम्मान मिला न नियोजन पेंशन: प्रो. विनोद भगत।
अनामिका भारती।लोहरदगाः झारखंड आंदोलनकारी महासभा लोहरदगा जिला समिति की मासिक बैठक बुधवार को कार्यकारी अध्यक्ष अमर किन्डो की अध्यक्षता में समाहरणालय मैदान में हुई। जिसमें मुख्य रूप से केन्द्रीय प्रधान महासचिव कयूम खान, जिला संयोजक प्रो. विनोद भगत मौजूद थे। मौके पर झारखंड आंदोलनकारी महासभा के केन्द्रीय प्रधान महासचिव कयूम खान ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड आंदोलनकारियों का दर्द समझेंगे और जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को समान रूप से मान-सम्मान नियोजन पेंशन सहित सभी सुविधाएं मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के हित में कम से कम गुरूजी आदरणीय शिबू सोरेन मॉडल को अविलंब लागू किया जाए। गुरुजी मॉडल के मुताबिक प्रत्येक आंदोलनकारी को प्रतिमाह 8000 रूपए पेंशन, एक-एक पक्का मकान, चिकित्सा, नियोजन सहित सभी सुविधाएं लागू करेंगे। अध्यक्षता करते हुए अमर किन्डो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 24 वर्ष बीत गए, लेकिन झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याएं और मांगें जस के तस बनी हुई है। आंदोलनकारियों के हित में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान में गंभीरता दिखलाई जाए। जिससे झारखंड आंदोलनकारियों में पनप रहे आक्रोश खत्म हो।जिला संयोजक ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी की स्थिति आज हाशिए पर हैं। लगातार अपने मान-सम्मान की लड़ाई के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। गुटबाजी के कारण ही आंदोलनकारियों को न सम्मान मिला और न नियोजन पेंशन। मुख्यमंत्री श्री सोरेन झारखंड आंदोलनकारियों के प्रति संवेदनशील बनें और जल्द से जल्द आंदोलनकारियों की मांगों का समाधान करें। संबोधित करने वालों में जिला सचिव विशेषण भगत, सुखदेव उरांव, चैतू मुंडा, जगनंदन पौराणिक, कोषाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर, नगर अध्यक्ष रुस्तम खान, सचिव दिनेश साहू, अजित खाखा, सुशीला लकड़ा, प्रमिला भारती, जगदीश उरांव आदि शामिल थे। मौके पर अनुभा टोप्पो, सबिता लकड़ा, सुखराम भगत, मंगरा उरांव, संत कुमार उरांव, बैजू उरांव, बलदेव भगत, हरिश्चंद्र उरांव, असगर खान, अनुप उरांव, दशरथ उराँव, मनोज उराँव, रामधनी भगत, सुखदेव भगत, चैतू गुण्डा, दामोदर महतो, सूरज मोहन लकड़ा, दीपक वर्मा, गंगा उराँव, रूदन उराँव, शुशिला लकड़ा, लक्ष्मी देवी, रामदयाल उरांव आदि मौजूद थे। सर्वसहमति से निर्णय लिया गया कि आगामी 03 जनवरी को जयपाल सिंह मुंडा जी की जन्मदिन को झारखंड आंदोलनकारी दिवस के रूप में एवं शिक्षा ज्योति सावित्री बाई फुले की जयंती को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया। मंच संचालन गंगा उरांव एवं धन्यवाद ज्ञापन फूलमनी कुमारी लकड़ा ने की।