अमर पुरोधाओं के सुविकसित राज्य निर्माण का सपना अब भी अधूरा: सुखदेव भगत।
अनामिका भारती लोहरदगाः झारखंड आंदोलनकारी महासभा लोहरदगा जिला समिति की मासिक बैठक कार्यकारी अध्यक्ष अमर किन्डो की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय मैदान हुई। जिसमें मुख्य रूप से केन्द्रीय प्रधान महासचिव कयूम खान, जिला संयोजक सह केन्द्रीय सलाहकार प्रो. विनोद भगत, जिला सचिव विशेषण भगत, सुखदेव उरांव आदि उपस्थित थे। बैठक में सर्व प्रथम कार्यकारी अध्यक्ष श्री किन्डो द्वारा सभी आंदोलनकारियों का स्वागत किया गया। मौके पर झारखंड आंदोलनकारी महासभा केन्द्रीय प्रधान महासचिव श्री खान ने कहा कि आंदोलनकारियों द्वारा अपने मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन के मामले को लेकर पिछले कई वर्षों से 11 सूत्री मांगों की लड़ाई लड़ी जा रही है, पर सरकार की ओर से सहानुभूति नहीं दिखाई गई। लगातार आंदोलित झारखंड आंदोलनकारियों का सब्र का बांध अब टूट चुका है। अपने सर्वस्व न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारी काल के गाल में समाते जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में झारखंड आंदोलनकारियों के समक्ष करो या मरो के अलावे दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाता है। प्रो. विनोद भगत ने अपने संबोधन में कहा कि अपने हक अधिकार के लिए आंदोलनकारी एकजुट होकर आंदोलन करें। उन्होंने कहा कि जिस शोषण विहीन झारखंडी समाज एवं सुविकसित राज्य का निर्माण करना था, जो अभी अधूरे हैं। उन्होंने भाषा संस्कृति लागू करने के साथ-साथ जल जंगल जमीन की सुरक्षा एवं वन उत्पाद, कृषि उत्पाद आधारित उद्योगों की स्थापना करने की वकालत की। सुखदेव उरांव ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों एवं शहीदों के सपनों के अनुसार राज्य सरकार योजना बनाकर झारखंडी समाज का सुविकसित करने का कार्य नहीं किया गया। मौके पर झारखंड आंदोलनकारी महासभा के सचिव विशेषण भगत ने कहा कि सरकारें आती हैं और चली जाती है। लेकिन आंदोलनकारियों की समस्याओं को नजर अंदाज की जा रही है। संबोधित करने वालों में अजीत खाखा, उषा लकड़ा, तारामनी खलखो, नगर सचिव दिनेश साहू, सुरज मोहन लकड़ा, जगदीश उरांव, विजय खाखा आदि शामिल थे। बैठक में दशरथ उरांव, गंगा उरांव, मनोज उरांव, ललिता भगत, अानंद कुमार, लक्ष्मी भगत, उषा रानी लकड़ा, मंगरा उरांव, सोमरा उरांव, शंकर पहान, आनंद भगत, अजय लोहरा, संजय ठाकुर, हाबिल कुजूर, चमरा उरांव, सुशीला लकड़ा, सबिता लकड़ा, समेत बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शामिल थे। आगामी बैठक 27 नवंबर बुधवार को रखी गई है।