मुंबई साहिर लुधियानवी एक मशहूर गीतकार और शायर रहे हैं. उनके गीत आज भी बड़ी शिद्दत ने गाये-गुनगुनाए जाते हैं. साहिर लुधियानवी ने हिंदी फिल्मों के लिए एक से बढ़कर एक कई कालजयी गीत लिखे हैं।साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 को लुधियाना में हुआ था. साहिर लुधियानवी मसऊदी का असली नाम अब्दुल हयी और तखल्लुस साहिर है. उनकी तालीम लुधियाना के खालसा हाईस्कूल में हुई. 1939 में जब साहिर लुधियानवी गवर्नमेंट कालेज के विद्यार्थी थे तो छात्रों के बीच एक शायर के रूप में स्थापित हो चुके थे.साहिर लुधिनायवी एक रईस खानदान से ताल्लुक रखते थे. लेकिन माता-पिता में अलगाव होने के कारण साहिर को अपनी माता के साथ मुफ्लिसी में अपना बचपन बिताना पड़ा.पढ़ाई के दौरान ही साहिर लुधियानवी शायरी करते थे और अमृता प्रीतम भी इनकी शायरी की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया. लेकिन अमृता प्रीतम के घरवालों को साहिर के साथ उनकी नजदीकियां पसंद नहीं आईं. क्योंकि, अमृता एक रईस परिवार से ताल्लुक रखती थीं और साहिर मुस्लिम होने के साथ-साथ गरीब परिवार से थे.यह कहा जाता है कि अमृता प्रीतम के पिता के कहने पर साहिर लुधियानवी को कॉलेज से निकाल दिया गया. इससे उनकी तालीम तो अधुरी रह ही गई साथ ही उन्होंने पेट भरने के लिए छोटे-मोटे काम भी करने पड़े.वर्ष 1943 में साहिर लुधियानवी लुधियाना से लाहौर आ गये. इसी साल साहिर लुधियानवी का पहला कविता संग्रह ‘तल्खियां’ प्रकाशित हुआ. ‘तल्खियां’ के बाजार में आते ही साहिर की चर्चा तेजी से होने लगी. वे प्रसिद्ध उर्दू पत्र ‘अदब-ए-लतीफ’ के सम्पादक बने. साहिर द्वैमासिक पत्रिका ‘सवेरा’ के भी सम्पादक बने. इस पत्रिका में साहिर की एक रचना के कारण पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया.वर्ष 1949 में साहिर लुधियानवी लाहौर छोड़कर दिल्ली आ गए. दिल्ली से वे मुंबई गए. मुंबई में साहिर लुधियानवी ने कई उर्दू पत्रिकाओं में काम किया. साहिर लुधियानवी को पहला फिल्मी ब्रेक 1949 में ही ‘आजादी की राह पर’ फिल्म में मिला. लेकिन फिल्मी दुनिया में उन्हें पहचान फिल्म ‘नौजवान’ से मिली.माना जाता है कि साहिर लुधियानवी की जिंदगी में चार महिलाएं आईं, अमृता प्रीतम, सुधा मलहोत्रा, महेन्द्र कौर और ईश्वर कौर. पर किसी के साथ उनका प्रेम-प्रसंग अन्जाम तक नहीं पहुंचा. हमेशा प्यार के गीत लिखने वाला कालजयी शायर हमेशा प्यार के लिए भटकता रहा।माना जाता है कि साहिर लुधियानवी की जिंदगी में चार महिलाएं आईं, अमृता प्रीतम, सुधा मलहोत्रा, महेन्द्र कौर और ईश्वर कौर. पर किसी के साथ उनका प्रेम-प्रसंग अन्जाम तक नहीं पहुंचा. हमेशा प्यार के गीत लिखने वाला कालजयी शायर हमेशा प्यार के लिए भटकता रहा.साहिर लुधियानवी ने ‘बाजी’, ‘प्यासा’, ‘फिर सुबह होगी’, ‘कभी कभी’ जैसी हिट फिल्मों के लिये गीत लिखे. 25 अक्टूबर, 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी मसऊदी का निधन हो गया.
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