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एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है एक से आठवीं कक्षा तक का रा0उ0म0वि चटुआग ।

दरी पर बैठकर पढ़ाई करते हैं छात्र और छात्र छात्राएं, बेंच और डेस्क की कमी,

स्कूल चटुआग के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय का पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने निरीक्षण किया

स्कूल मे छात्र छात्राओं की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है, रुम के कमी के कारण तीन तीन कक्षा को मर्ज कर पढ़ाई हो रही है

एक तरफ सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस व्यवस्था हो रही है दुसरी तरफ सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था बदहाल

आकाश कुमार चंदवा। कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने पंचायत के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय चटुआग का निरीक्षण किया, शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी ली।

निरीक्षण के दौरान मध्याह्न भोजन, रजिस्टर, कक्षावार बच्चों की उपस्थिति पंजी को चेक किया गया, निरीक्षण में नामांकित 157 छात्र छात्राओं में 110 बच्चे उपस्थित थे, कुछ बच्चे थे जो दरी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे

, इसपर शिक्षिका रुपाली सुमन से पुछे जाने पर बताई कि डेस्क और बेंच की कमी है इस लिए बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ाई करते हैं, डेस्क बेंच की कमी से विभाग को अवगत करा दिया गया है,

रसोईया सुकरमनी देवी, सुकुन देवी मध्याह्न भोजन बना रही थी, भोजन में दाल चावल सब्जी अंडा बन रहा था।

इस स्कूल में एक से आठ तक के छात्र छात्राएं पढ़ाई करती हैं लेकिन कक्षा रूम शिर्फ तीन है, एक – एक रुम में तीन तीन और चार क्लास के छात्र एक साथ पढ़ने को मजबूर है, एक शिक्षक नवंबर में ही रिटायर हो गए हैं,

अब शिर्फ इस विद्यालय में एक ही शिक्षिका बचे हैं जो किसी तरह पढ़ाई कर इसे संभाले हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में छात्र छात्राओं को शिक्षा कैसे मिल पाएगी, राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है,

इसके तहत राज्य सरकार ने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत इस लिए की ताकि गरीब बच्चे भी प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की तरह अंग्रेजी मीडियम की शिक्षा ग्रहण कर उनकी बराबरी कर सकें, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण सरकार की कोशिशों पर ग्रहण लग रहा है।

स्कूल में शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, यहां एक शिक्षिका के भरोसे ही पठनक्ष- पाठन का काम चल रहा है।

यही एक शिक्षिका पर पढ़ाई उपर से विभागीय कार्य की जिम्मेदारी है, ऐसे में प्रश्न यह है कि इस परिस्थिति में बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा। विद्यालय में मात्र एक शिक्षक रहने से काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है,

एक तो विभाग को प्रतिदिन का आंकड़ा भेजना, उपस्थिति विवरणी भेजना, एमडीएम बनवाना और उसके साथ-साथ पठन-पाठन का कार्य करने से परेशानी और ही बढ़ गई है, छुट्टी लेने में भी दिक्कत है,

जिन स्कूलों में एक ही शिक्षक हैं वहां के शिक्षकों को छुट्टी लेने में भी काफी परेशानी होती है. छुट्टी लेने के लिए एक दिन पूर्व कार्यालय को सूचना देनी होती है.

तब विभाग की ओर से आसपास के किसी अन्य स्कूल से शिक्षक की प्रतिनियुक्ति उक्त स्कूल में छुट्टी की अवधि तक की जाती है.

इसके बाद एकल स्कूल वाले शिक्षकों को छुट्टी मिल पाती है. वहीं यदि अचानक जरूर काम से शिक्षकों को छुट्टी लेनी पड़ गई तो स्कूल के अध्यक्ष या अन्य कोई सदस्य स्कूल खोलते हैं.

दो-तीन क्लास को एक साथ मर्ज कर स्कूल में पढ़ाई करने से बच्चों को भी समझ में नहीं आता उन्हें पढ़ने और विषय समझने में काफी परेशानी होती है. अयुब खान ने कहा कि सरकार को इस संबंध में ध्यान देने की आवश्यकता है. अब एक ही कक्षा में वर्ग एक से लेकर दो तीन की कक्षा तक के बच्चे एक साथ कैसे पढ़ाई करेंगे इस व्यवस्था में शिक्षा का स्तर गिरना तय है। दम तोड़ रही है शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए चटुआग स्कूल में और शिक्षकों को पदस्थापित करने, स्कूल में बेंच डेस्क की व्यवस्था करने की मांग उपायुक्त से की है।

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