टीपू खान| लातेहार लातेहार। बारियातू प्रखंड के गोनिया पंचायत अंतर्गत रोनहे के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मुन्ना कुमार राम के पुत्र अभिषेक कुमार ने 69वीं बीपीएससी संयुक्त परीक्षा में 21वां रैंक प्राप्त कर डीएसपी पद पर चयनित होकर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है. अभिषेक कुमार की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है. उनकी प्राथमिक शिक्षा राजकीय मध्य विद्यालय, मारंलोइया में कक्षा 1 से 7 तक हुई. आठवीं की पढ़ाई बालूमाथ स्थित बुनियादी विद्यालय से पूरी की. इसके बाद प्लस टू उच्च विद्यालय, बालूमाथ से मैट्रिक की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने पटना का रुख किया और कड़ी मेहनत के बल पर पहले ही प्रयास में बीपीएससी की कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की. अभिषेक अपने दो भाइयों और दो बहनों में तीसरे नंबर पर हैं. उनके पिता, मुन्ना कुमार राम, वर्ष 1999 से बालूमाथ और बारियातू के कई विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं. मूल रूप से बिहार के सिवान जिले के पहाड़पुर वड़हरिया निवासी मुन्ना राम ने हमेशा अपने बच्चों को शिक्षा के महत्व का पाठ पढ़ाया.अभिषेक की इस सफलता ने न केवल उनके माता-पिता बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है. उनकी इस उपलब्धि पर शिक्षक समुदाय और ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है. इस सफलता पर लातेहार विधायक प्रकाश राम, जिला परिषद उपाध्यक्ष अनिता देवी, जिप सदस्य प्रियंका कुमारी, बालूमाथ उप प्रमुख कामेश्वर राम, बारियातू प्रमुख उर्मिला देवी, उप प्रमुख निशा शाहदेव,जिला परिषद रमेश राम,समाजसेवी हाजी खोबैब आलम, देवनन्दन प्रसाद,शिक्षक सागर सिंह अजय बैठा, शशि शेखर रंजन सिंह, निरंजन कुमार सिंह, द्वारिका राम, बबन राम, लालचंद पासवान, रामजी प्रसाद, मिथिलेश कुमार मेहता और मनोज कुमार तिवारी ने अभिषेक और उनके परिवार को बधाई दी. अपनी सफलता के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए अभिषेक ने कहा, “यदि मन में जुनून और सच्ची लगन हो, तो कोई भी मंज़िल पाना असंभव नहीं है। मैंने हमेशा कठिन परिश्रम और ईमानदारी से पढ़ाई किया और इसका परिणाम मुझे मिला।”
अभिषेक की सफलता उन तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत करते हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि एक शिक्षक परिवार का बेटा भी अपनी लगन और मेहनत से ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है. अभिषेक की उपलब्धि से बालूमाथ व बारियातू प्रखंड का नाम रोशन हुआ है. लोग उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं और यह उम्मीद कर रहे हैं कि वह अपने कार्यों से समाज में और भी बेहतर योगदान देंगे.