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सेन्हा प्रखंड से स्वीकृत बॉक्स पुलिया का निर्माण पंचायत सचिव की मिली भगत से भंडरा प्रखंड में हुआ पूर्ण।

झालजमीरा पंचायत में पुलिया निर्माण हेतु ग्रामसभा की गयी और ग्रामसभा से अनुमोदन कर बॉक्स पुलिया निर्माण की स्वीकृति 15 वें वित्त योजनान्तर्गत दिलायी गयी ।

संवाददाता लोहरदगा/सेन्हा: पंचायत कर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जाए तो विकास की गति क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है और उस पंचायत क्षेत्र विकास के नाम पर कितना विकसित होगा यह बताने की आवश्यकता शायद नही पड़ेगी। ऐसा ही एक मामला लोहरदगा जिला अंतर्गत सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के झालजमीरा पंचायत में देखने को मिला जहां पंचायत को प्रखंड व गांव से जोड़ने के उद्देश्य से पुलिया का निर्माण 15 वें वित्त योजना से कराया जाता है। जो भंडरा प्रखंड के मसमानो पंचायत स्थित टोटो ग्राम में निर्माण होता है और योजना सेन्हा प्रखंड से स्वीकृत होता है। विदित हो कि सरकार पंचायती राज के माध्यम से पंचायत क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रूप से योजना चला कर सार्वजनिक विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। परंतु सरकारी पंचायत स्तरीय अधिकारियों की धांधली सामने आया। बताया जाता है कि झालजमीरा पंचायत में सार्वजनिक विकास के नाम पर अधिकारियों के मिलीभगत से दूसरे प्रखंड पंचायत ग्राम में योजना का लाभ दिया गया। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बॉक्स पुलिया निर्माण कार्य आरम्भ के पूर्व झालजमीरा पंचायत ग्राम के ग्रामीणों को पुलिया निर्माण कराने की बात बता कर ग्रामसभा किया गया और ग्रामसभा से अनुमोदन कराते हुए बॉक्स पुलिया निर्माण की स्वीकृति 15 वें वित्त योजना के अंतर्गत दिलाया गया। लेकिन इस योजना का निर्माण पंचायत सचिव के मिली भगत से स्थल का चयन गलत स्थान पर करते हुए भंडरा प्रखंड के मसमनो पंचायत स्थित टोटो ग्राम में झालजमीरा पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र से 50 से 100 मीटर हट कर टोटो ग्राम में बॉक्स पुलिया निर्माण कराया गया। इस संदर्भ में झालजमीरा पंचायत मुखिया बंधन उराँव से जायजा लेने पर उन्होंने बताया कि सरकारी महकमे की मनमानी काफी हावी है। जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति जताने के बाद भी अपनी मनमानी कर गलत स्थान पर योजना चयन कर निर्माण कराया जा रहा है। उक्त बिंदुओं पर ध्यान रखते हुए पंचायत सचिव गुहा उराँव से जायजा लेने का प्रयास कई बार किया गया परंतु समय से कार्यालय में उपस्थित नही रहने के कारण फोन के माध्यम से संपर्क करने का भी प्रयास किया गया। इतना ही नही वाट्सअप के जरिए भी जानकारी लेने का प्रयास किया गया। उसके बावजूद किसी रूप में पत्रकार से बात करने से कतराते रहें।

जिससे यह स्पष्ट होता है कि पंचायत सचिव की मनमानी तथा गलत तरीके से योजना का चैयन करना और निर्माण करवाना उनकी आदत सी बन गई है। जानकारी के अनुसार बता दें कि गुहा उराँव को अलौदी पंचायत के अलावे झालजमीरा पंचायत तथा अन्य दो पंचायत का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आखिर क्यों कई सवाल उठ रहा है। इनके कार्यकाल में कैरो प्रखंड में भी लाभुकों से पैसे की उगाही कर सरकारी योजना एवं पावर का दुरुपयोग गलत तरीके से करने की बाते सामने आई है।

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