सिसई | हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी दमात बरकातू अमीरे शरियत इमारते सरिया बिहार,उड़ीसा और झारखंड के निर्देश पर एक प्रतिनिधि मंडल ने डीसी कर्ण सत्यार्थी को 18 पृष्ठों वाला एक व्यापक, कुशल और विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत किया। जिसमें संविधान के आलोक में वक्फ बिल के नुकसान और खतरों को स्पष्ट रूप से वर्णित किया गया है प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए मुफ्ती अब्दुल अहद कासमी काजी शरियत ने डीसी को यह स्पष्ट किया कि यह बिल असंवैधानिक है,यह मुसलमानो के धार्मिक अधिकारों के खिलाफ है। यह बिल मुसलमानों के इबादतगाहो,धार्मिक स्थलों और इबादत से जुड़ी हर चीज को असुरक्षित बना देगा। जिसे भारत के मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। सामाजिक कार्यकर्ता हाजी मोबीनुद्दीन ने डीसी को इस बिल से मुसलमानो को होने वाले नुकसान की जानकारी दी। डीसी साहब ने सब की बातें ध्यान से सुनी और खुशनुमा माहौल से मिले और कहा कि वह यह ज्ञापन झारखंड सरकार और जेपीसी अध्यक्ष को बहुत जल्द भेजेंगे। मौके पर प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान मौलाना मोतिउर रहमान साहब मोहतमी मदरसा फैजुल रशीद आदि थे।
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