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लोहरदगा के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु जिला स्तर पर शुरू हुआ अभियान।

छात्रों को तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचाने हेतु शिक्षा विभाग ने सीड्स के तकनीकी सहयोग से सभी जिलों में शुरू किया अभियान।

राज्य के सभी जिलों में सीड्स के तकनीकी सहयोग से उन्मुखीकरण कार्यशाला का किया जा रहा आयोजन।

प्रत्येक जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को बनाया जायेगा तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान।

शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने पर लगेगा जुर्माना।

बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचा तो होगा 1 लाख का जुर्माना और 7 साल का जेल।

अनामिका भारती। लोहरदगा: गुरुवार को जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं टूएफईआई के दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन तथा तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 हेतु आज स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलॉपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के तकनीकी सहयोग से अभिलाषा कक्ष, समाहरणालय लोहरदगा के सभागार में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आईलीन टोप्पो की अध्यक्षता में किया गया।अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्री विनय बन्धु कच्छप ने कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारीयों, प्राचार्यों, शिक्षकों एवं मीडियाकर्मियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आईलीन टोप्पो ने अपने ने संबोधन में कहा कि तम्बाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या के रुप में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। अतः तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाये। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के मार्गदर्शन में सोशिओ इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) झारखण्ड द्वारा “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन हेतु साकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीड्स झारखण्ड के सहयोग से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित कराने हेतु आज हमारे लोहरदगा जिले में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है एवं क्रमवार इस कार्यशाला का आयोजन राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा।उन्होंने कहा कि लोहरदगा जिला में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है और जल्द ही राज्य के अन्य जिलों में अभियान चलाकर सभी जिलों के सभी विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को तम्बाकू सेवन न करने का सपथ दिलाया।सीडस के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की । उन्होंने बताया कि तम्बाकू उत्पाद से बच्चे, अवस्क एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) द्वारा सम्पूर्ण विश्व में युवाओं द्वारा तम्बाकू सेवन से संबंधित जो आंकड़ें संकलित किये गये हैं वह यह दर्शाता है कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं वहीं झारखण्ड मे यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है। श्री झा ने कहा कि तम्बाकू सेवन से हर साल देश में लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो रही है। तम्बाकू सेवन से खास तौर पर बच्चों, अवयस्कों एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा प्रायः ऐसा देखा जाता है कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, बीडी़ पान मसाला, जर्दा एवं खैनी इत्यादि की बिक्री की जाती है। इससे कम आयु के युवाओं एवं छात्रों में धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन की व्यसन को बढ़ावा मिलता है। “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नौ गतिविधियां की जानी है। सभी शिक्षण संस्थानों में धूम्रपान मुक्त एवं तंबाकू मुक्त परिसर का साइनेज का प्रदर्शन एवं नामित किए गए पदाधिकारी का नाम पदनाम एवं एवं मोबाइल नंबर अंकित होना ।तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का साइनेज शिक्षण संस्थान के मुख्य द्वार पर लगा हो जिसमें नामित पदाधिकारी का नाम व मोबाइल नंबर अंकित हो ।शिक्षण संस्थान के परिसर में किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद के उपयोग का सबुत की अनुपलब्धता जैसे सिगरेट बीड़ी के टुकड़े, पान मसाला एवं जर्दा के पाउच इत्यादि।तम्बाकू सेवन के दूष्परिणामों से संबंधित पोस्टर का प्रदर्शन । हर छः माह पर तम्बाकू नियंत्रण से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जाना ।तम्बाकू मोनिटर शिक्षक एवं विद्यार्थि नामित करना एवं उनका नाम पदनाम एवं मोबाईल नम्बर को साइनेज पर प्रदर्शित करना ।तम्बाकू मुक्त विद्यालय हेतु आचार संहिता विकसित किया जाना। स्कूल के बाहरी दीवारों से 100 गज के दायरे को पीली रेखा से रेखांकित कर तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करना। स्कूल के बाहरी दीवारों से 100 गज के दायरे में अवस्थित दूकानों में किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों की बिक्री न होना सुनिश्चित किया जाना। उन्होंने तम्बाकू मुक्त पीढ़ी (Tobacco Free Jeneration) एवं तम्बाकू मुक्त गॉव (Tobacco Free Village) बनाए जाने की पूर्ण जानकारी दी। सुनंदा चन्द्रमौलेश्वर दास जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाये। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग,

झारखण्ड सरकार के मार्गदर्शन में सोसिओ इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) झारखण्ड द्वारा “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन हेतु साकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। अंत में अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनय बन्धु कच्छप ने कार्यशाला में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदया की सहमति से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, चयनित विद्यालय के प्राचार्य, नोडल शिक्षक, सीड्स झारखंड के क्षेत्रीय समन्वयक भोला पाण्डेय व अन्य गणमान्य उपस्थित हुए

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