अनामिका भारती।लोहरदगा: जिला अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा के मार्गदर्शन के आलोक में सरकार के संयुक्त सचिव महिला एवं बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड सरकार के पत्रांक 2759, दिनांक 01.11.24 के द्वारा लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए उद्देश्य महिलाओं खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस 10 दिसंबर के अवसर पर 25.11.2024 से 10.12.2024 तक जागरूकता कार्यक्रम लोहरदगा जिला अंतर्गत विभिन्न उच्च विद्यालय एवं कॉलेज में किया जाने के क्रम मे लोहरदगा सदर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, कुजी में दिनांक 05.12.2024 को आयोजित किया गया।कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में संरक्षण पदाधिकारी संस्थानिक देखरेख -अनुरंजन कुमार ,जिला बाल संरक्षण इकाई समाज कल्याण, लोहरदगा व आशा कुमारी , महिला पर्यवेक्षिका तथा दिलीप कुमार साहू सोशल वर्कर के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को विभिन्न एक्ट के कानूनी प्रावधानों का संक्षिप्त एवं सामान्य रूप जानकारी प्रदान की गई।पॉक्सो अधिनियम (POCSO)पॉक्सो अधिनियम (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट) भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक अधिनियम है, जिसका उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाना है।पॉक्सो अधिनियम के मुख्य प्रावधान:- बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाना- यौन उत्पीड़न के मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय प्रदान करना- बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना- यौन उत्पीड़न के मामलों में गोपनीयता और सुरक्षा की गारंटी देना।पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के प्रकार:– शारीरिक यौन उत्पीड़न- मानसिक यौन उत्पीड़न- भावनात्मक यौन उत्पीड़न- ऑनलाइन यौन उत्पीड़नपॉक्सो अधिनियम के तहत दंड:- यौन उत्पीड़न के मामलों में दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल तक की जेल- गंभीर यौन उत्पीड़न के मामलों में दोषी पाए जाने पर 7 से 10 साल तक की जेल- ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के मामलों में दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल तक की जेल।असुरक्षित स्पर्श(Unsafe Touch):-असुरक्षित स्पर्श एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना या उसकी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए स्पर्श किया जाता है। यह स्पर्श शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से हानिकारक हो सकता है।असुरक्षित स्पर्श के प्रकार:- शारीरिक स्पर्श: किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना या उसकी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए शारीरिक रूप से स्पर्श करना।- मानसिक स्पर्श: किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना या उसकी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए मानसिक रूप से स्पर्श करना।- भावनात्मक स्पर्श: किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना या उसकी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए भावनात्मक रूप से स्पर्श करना।असुरक्षित स्पर्श के प्रभाव:- शारीरिक और मानसिक चोट- भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव- आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की कमी- सामाजिक और आर्थिक प्रभावअसुरक्षित स्पर्श से बचाव:- अपनी सीमाओं को स्थापित करना- अपनी सहमति को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना- असुरक्षित स्पर्श की रिपोर्ट करना- समर्थन और सहायता प्राप्त करनासुरक्षित स्पर्श(Safe Touch):-सुरक्षित स्पर्श एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को उसकी सहमति से और उसकी सीमाओं का सम्मान करते हुए स्पर्श किया जाता है।

यह स्पर्श शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से सुरक्षित और स्वस्थ होता है।सुरक्षित स्पर्श के प्रकार:- सहमति से स्पर्श: किसी व्यक्ति को उसकी सहमति से स्पर्श करना।- सीमाओं का सम्मान: किसी व्यक्ति की सीमाओं का सम्मान करते हुए स्पर्श करना।- स्वस्थ स्पर्श: शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से स्वस्थ स्पर्श करना।सुरक्षित स्पर्श के लाभ:- आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की वृद्धि- स्वस्थ और सुरक्षित रिश्तों का निर्माण- मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की वृद्धि- शारीरिक और मानसिक सुरक्षा की गारंटीसुरक्षित स्पर्श के लिए सुझाव:- अपनी सहमति को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें- अपनी सीमाओं को स्थापित करें- स्वस्थ और सुरक्षित रिश्तों का निर्माण करें- मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखेंकार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम, 2013कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम, 2013 एक भारतीय कानून है जिसका उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकना और उन्हें सुरक्षित और संरक्षित रखना है।अधिनियम के मुख्य प्रावधान:- यौन उत्पीड़न की परिभाषा: अधिनियम यौन उत्पीड़न को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से परिभाषित करता है।- कार्यस्थल की परिभाषा: अधिनियम कार्यस्थल को किसी भी
स्थान के रूप में परिभाषित करता है जहां कोई व्यक्ति काम करता है।- शिकायत समिति: अधिनियम प्रत्येक कार्यस्थल में शिकायत समिति का गठन करने का प्रावधान करता है जो यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करेगी।- दंड और जुर्माना: अधिनियम यौन उत्पीड़न के लिए दंड और जुर्माने का प्रावधान करता है।अधिनियम के उद्देश्य:- कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकना।- महिलाओं को सुरक्षित और संरक्षित रखना।- कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना।वन स्टॉप सेंटर:-वन स्टॉप सेंटर एक ऐसी सुविधा है जो महिलाओं और बच्चों को एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है। यह सुविधा महिलाओं और बच्चों को घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और अन्य प्रकार की हिंसा से बचाने और उन्हें सुरक्षित और संरक्षित रखने में मदद करती है।वन स्टॉप सेंटर की सेवाएं:- कानूनी सहायता- चिकित्सा सहायता- पुलिस सहायता- परामर्श और मार्गदर्शन- आश्रय और सुरक्षित आवास- शिक्षा और रोजगार के अवसरवन स्टॉप सेंटर के उद्देश्य:- महिलाओं और बच्चों को घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न से बचाना।

– महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित रखना।- महिलाओं और बच्चों को कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता और अन्य सेवाएं प्रदान करना।- महिलाओं और बच्चों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना।इसके साथ-साथ प्रशिक्षकों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित 9वी कक्षा से 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को-1.जेंडर सेंसटाइजेशन 2.हेल्पलाइन नंबर 1098 112 और 1813. घरेलू हिंसा अधिनियम 20054. मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित योजनाएं शक्ति सदन एवं शक्ति निवास की जानकारी5. SHe पोर्टल 6.जेंडर इक्वलिटी 7.कंसेंट 8. हेल्दी रिलेशनशिप 9. वुमन राइट यंग एज हेल्दी रिलेशंस 10. पॉजिटिव मासक्लिनिटी (सकारात्मक पुरुषत्व)11. हार्मफुल एस्ट्रो टाइप एंड माचो टाइप जेस्टर12. किशोर न्याय अधिनियम इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत आज बच्चों को मोबाइल की उपयोग के संदर्भ में क्या सावधानी रखी जानी है ,जिससे वह कानूनी जज से बच सके इस संदर्भ में उन्हें बताया गया कि सच के तौर पर आज कई बच्चे/ बच्चियों ऑफलाइन/ऑनलाइन जो है पोक्सो एक्ट की शिकार हो जा रही हैं कि इस संदर्भ में सावधानी पूर्वक मोबाइल गेम अप एवं अन्य निषेध ऐप से बचाव करने की करने की बात कही गई । अंत में बाल विवाह का शपथ छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों को कराया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक जनार्दन पांडेय शिक्षिका विद्या कुमारी, पुष्पा लकड़ा ,निशा ज्योति लकड़ा,शिक्षक भीखू उरांव ,संजय तिर्की,आशीष रिचर्ड तिर्की एवं अनिल राम, मेराज अंसारी एवं जेएसएलपीएस के जेंडर सीआरपी में सोनाली तिग्गा एवं रीना केरकेटा के अलावे 200 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।