संवाददाता:लोहरदगा : शुक्रवार को लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत ग्राम चमरू में पारंपरिक वाद्य यंत्र “मांदर” के निर्माण और कौशल विकास के लिए 50 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, रांची झारखंड द्वारा प्रायोजित कौशल उन्नयन योजना के तहत आयोजित किया गया है।प्रशिक्षण में 20 कारीगर भाग ले रहे हैं, जिन्हें उन्नत टूल किट प्रदान की गई। टूल किट वितरण समारोह में जिला उद्यमी समन्वयक ने कारीगरों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मांदर हमारा सांस्कृतिक धरोहर है, और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। उन्होंने वाद्य यंत्र के उन्नत निर्माण और इसके विक्रय को बढ़ावा देने का आश्वासन दिया।प्रशिक्षण का उद्देश्य कारीगरों को उनकी परंपरागत कला में निपुण बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना है।प्रखंड उद्यमी समन्वयक, रवि कुमार ने बताया कि उन्नत टूल किट के उपयोग से कारीगर मांदर निर्माण की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बना सकते हैं। इस पहल से कारीगर अपनी आय बढ़ाकर अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकेंगे।मांदर झारखण्ड की सांस्कृतिक पहचान देने का प्रयास किया जा रहा है। लघु कुटीर विभाग के द्वारा उत्पादन और बाजार की व्यवस्था में मदद किया जाएगाकार्यक्रम के रानी कुमारी, प्रखंड समनवयक रवि कुमार और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
50 दिवसीय मांदर वादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन ।
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