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Homeजीवन मंत्रमनुष्य तन बड़े भाग्य से प्राप्त होता है: निर्मलानंद स्वामी।

मनुष्य तन बड़े भाग्य से प्राप्त होता है: निर्मलानंद स्वामी।

लोहरदगा में 2 दिवसीय संतमत-सत्संग आरंभ।

अनामिका भारती।लोहरदगा:14 दिसंबर को कचहरी मोड़ स्थित चंद्रपति यादव के आवासीय परिसर में 2 दिवसीय संतमत-सत्संग का भव्य आयोजन आरंभ हुआ। इस अवसर पर महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट, भागलपुर, बिहार से स्वामी निर्मलानन्द जी महराज,

संतमत सतसंग मंदिर पलासी, अररिया, बिहार से स्वामी रामेश्वरानन्द जी महराज, महर्षि मेंही ध्यान योग आश्रम चतरा, झारखंड से स्वामी रविंद्र बाबा जी एवम् रांची आश्रम से बालकृष्ण बाबा ने संतमत की महिमा पर प्रकाश डाला।संतों ने अपने प्रवचनों में बताया कि संतमत क्या है

और इसे अपनाने से जीवन में आने वाले लाभों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि संतमत के माध्यम से जीवन में शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त की जा सकती है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोहरदगा वासियों ने भाग लिया और संतों के मार्गदर्शन से लाभ प्राप्त किया।

यह आयोजन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। संतमत का संदेश समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, इस उद्देश्य से इस तरह के आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है।

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