आकाश कुमार लातेहार।लातेहार के चंदवा प्रखण्ड में नए साल के शुरुआती सप्ताह में ही जनवरी 2025 को चंदवा प्रखंड के हुटाप पंचायत स्थित तोरार गांव में गुप्त सूचना पर प्रशासन और वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की।अमझरिया घाटी स्थित इस सुदूरवर्ती गांव में पहुंचते ही प्रशासन की आंखें फटी की फटी रह गई जब वहां देखा कि लगभग साढ़े बारह एकड़ के बड़े भूखंड पर अफीम की फसल लहलहा रही थी।यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि झारखंड और देश के अन्य हिस्सों में भी पोस्ते और अफीम की खेती पर पूर्णत प्रतिबंध है।
ऐसे में जब कई एकड़ पर इस फसल की खेती की बात सामने आई तो लोग आश्चर्यचकित रह गए।घटनास्थल पर पहुंचने के बाद इस फसल से संबंधित जानकारियां जुटाने का प्रयास किया गया और तत्पश्चात ट्रैक्टर और डंडों के माध्यम से पूरी फसल को तत्काल प्रभाव से नष्ट कर दिया गया।घटना के बाबत लातेहार के पुलिस कप्तान कुमार गौरव से बात करने पर उन्होंने कहा की अफीम की इतने बड़े पैमाने पर खेती प्रशासन के लिए भी अविश्वसनीय है और यह पूर्णत गैरकानूनी है
और ऐसा करने वालों के विरुद्ध लातेहार पुलिस कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें शामिल लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की उपयुक्त अधिनियमों के अंतर्गत कठोर से कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस कप्तान ने कहा कि आने वाले समय में भी लातेहार पुलिस पूरी तत्परता के साथ इस प्रकार के अवैध तथा गैर कानूनी कार्यों में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती रहेगी।इधर आज दिन भर इतने बड़े भूभाग पर प्रतिबंध खेती की जानकारी मिलने पर अफवाहों का बाजार गर्म रहा और शहर के नुक्कड़,चौक-चौराहों पर यह विषय लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय बना रहा।
बताते चले की यह सिलसिला लातेहार जिला में हर वर्ष प्रशासन के अभियान के द्वारा लातेहार चंदवा बालूमाथ हेरहंज बरियातू जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है परंतु प्रशासन भी एक अभियान के तरह चला कर फसल तो नष्ट कर देती है परंतु पूरी तरह रोक लगाने में अभी तक असफल रही है जिस दिन प्रतिदिन लोग द्वारा अफीम की खेती जंगल के क्षेत्र में जहां पानी की सुविधा होती है वहां पर अफीम की खेती हर वर्ष लगाई जाती है। इसे पूरी तरह रोकना लातेहार पुलिस प्रशासन को चुनौती होगी।