अनामिका भारती।लोहरदगा:नालसा, नई दिल्ली, एवं झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, लोहरदगा ने ’लीगल सर्विसेज यूनिट ’मनो न्याय’ के टीम को मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को लेकर डालसा सभागार, लोहरदगा में दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के दौरान डालसा, सचिव सह यूनिट के अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि नालसा नई दिल्ली के 2024 स्कीम के तहत गठित ’मनो न्याय विधिक सेवा टीम’ का गठन पीएलवी एवं पैनल अधिवक्ताओं को लेकर हुआ है, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी भी सम्मिलित हैं।
वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा राजकमल मिश्रा, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष शिवकुमार, डालसा सचिव राजेश कुमार एवं सिविल सर्जन शंभूनाथ चौधरी के द्वारा किया गया। वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर चौधरी ने टीम को मनोरोगियों के प्रति संवेदनशील रहते हुए उनके विधिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की बात कही ।

वहीं पीडीजे ने इस बात पर बल दिया कि 150 से ज्यादा किस्म के मनोरोग पाए जाते हैं। लेकिन जिसमें समाज व्यक्ति को मुख्य धारा में नहीं रख पाता। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की चिकित्सीय जांच के अतिरिक्त दिव्यांग जनों के देखभाल भी टीम के द्वारा किया जाएगी, ऐसी उम्मीद है। दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में डालसा सचिव सह यूनिट के अध्यक्ष राजेश कुमार एवं स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष शिवकुमार ने मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम एवं दिव्यांगजन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों एवं उपबंधों को सविस्तार बतलाया।

साथ ही इस बात पर बल दिया कि मनोनीत टीम ही अब दिव्यांग जनों एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ्य व्यक्तियों को विधिक सेवाएं प्रदान करेगा। प्रशिक्षण में डिप्टी चीफ उमेश कुमार, पैनल अधिवक्ता प्रवीण कुमार भारती, अरुण प्रसाद साहू, बिपिन बिहारी दुबे, अशोक कुमार वर्मा, पवन कुमार देवघरिया, पीएलवी गौतम लेनिन, मंजू खाखा, देवमनी कुमारी, इजहार अहमद, सीमा कुमारी, अशोक यादव, हफिजूल अंसारी और दीपक कुमार साहू उपस्थित थे।
