सहज़ाद आलम महुआडांड़ जंगल, पहाड़ और नदियों से आच्छादित महुआडांड़ को प्रकृति ने तमाम प्रकृति के उपहारों से नवाजा है। प्रखंड के ओरसापाठ पंचायत अंतर्गत जलप्रपात सुरकई फाॅल की खूबसूरती देखते ही बन रही है। तो जलप्रपात को घेरे हरियाली समेटे पहाड़ भी खूबसूरती में चार चांद लगा रही हैं।जंगलों में हो रही बारिश से फॉल का जलस्तर बढ़ गया है, और पानी का बहाव तेज हो गया है। वहीं इसकी सुंदरता देखने स्थानीय पर्यटक पहुंच रहे हैं। सुरकई फाॅल सरकारी उपेक्षा के कारण विकसित होने से वंचित है।
जलप्रपात चारो ओर जंगल से घिरा हुआ है।
ओरसापाठ वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत संघन जंगलों के बीच जलप्रपात चारो ओर जंगल से घिरा हुआ है। सुर्कई घाघरी जलप्रपात एक ही धारा में गिरने वाले जल प्रपातों में अत्यंत महत्वपूर्ण है| इसकी धारा अनुमानतः 250-300 फिट की उच्चाई से गिर कर एक छोटे जलाशय का निर्माण करती हुई आगे नदी के रूप में बहती हुई बुढा नदी में मिल जाती है|उच्चाई व सोन्दर्य के दृष्टिकोण से लोध जलप्रपात के पश्चात इस निर्झर का क्षेत्र में संभवतः दूसरा स्थान है
कई प्रजातियों के पक्षियों के कलरव एक दुर्लभ जैव-विविधता पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र का दृश्य प्रस्तुत करते हैं ।
साल, आसन, अर्जुन, करम, करंज, सिरिस जैसे काष्ठिये तथा अन्य फलदार वृक्षों, जंगली पुष्पों व औषधीय वनस्पतियों के द्वरा इस जलप्रपात के चारो ओर एक सुरम्य मिश्रित वन का निर्माण होता है, जहाँ बंदर, जंगली सूअर, भालू, भेड़िया, नेवला, हाथी जैसे पशु तथा मोर, महुकल आदि विभिन्न प्रकार की ज्ञाता ज्ञात प्रजातियों के पक्षियों के कलरव एक दुर्लभ जैव-विविधता पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र का दृश्य प्रस्तुत करते हैं दूर से ही झरने की आवाज सुनाई देने लगती है, जो गंतव्य तक जाने के रोमांच व उत्साह को बढ़ाने वाली होती है अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करता है. लेकिन जर्जर सड़क मिजाज किरकिरा कर दे रही है. पर्यटकों ने कहा कि ये टूरिस्ट प्लेस है, लेकिन यहां पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है.,
क्या कहते है पर्यटक ।
सैलानियों का कहना है खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है. लेकिन जर्जर सड़क के कारण यहां पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है. सफर बोझिल हो जा रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत करायी जाए, ताकि यहां आकर लोग नए साल का जश्न मना सकें. और इस हरी भरी वादियों का लुत्फ उठा सके ।